हमारे भीतर एक बहुत ही काबिल चिकित्सक रहता है जो कभी फीस नहीं लेता, कभी छुट्टी नहीं लेता और कभी रिटायर नहीं होता। वह चौबीसों घंटे खामोश ड्यूटी पर रहता है, बिना नेम-प्लेट लगाए। उंगली कटे तो खून देखने से पहले ही प्लेटलेट्स ने मोर्चा संभाल लिया होता है। मैक्रोफेज कचरा उठा रहे होते हैं, स्टेम सेल नई त्वचा की नींव डाल रही होती हैं। आप डॉक्टर को फोन उठाते हैं, तब तक घाव ने आधा रास्ता खुद तय कर लिया होता है। जुकाम हुआ तो आप बुखार को गाली देते हैं। वह बुखार वायरस को भून रहा होता है। नाक बह रही होती है तो आप रूमाल भिगोते हैं, वह वायरस को बाहर फेंक रहा होता है। आप दवा लेकर बुखार दबाते हैं तो वह चुपके से कहता है, “मैं तो अपना काम कर रहा था।” यह डॉक्टर बोलता नहीं, सिर्फ संकेत भेजता है। थकान = सो जाओ पेट भरा = अब मत खाओ धूप अच्छी लग रही = दस मिनट खड़े हो जाओ हमने उसकी भाषा भुला दी है, इसलिए उसे जोर से बोलना पड़ता है – पथरी बनाकर, अल्सर बनाकर, हार्ट-अटैक बनाकर। और हाँ, कैंसर के बारे में भी सच यही है। हर दिन हमारे शरीर में हजारों असामान्य कोशिकाएँ बनती हैं। इम्यून सिस्टम की निगरानी टीमें (NK cel...
जीवन एक अवसर है - जीवन में प्रेम है - तो जीवन में घृणा भी है - जीवन आनंद है - तो जीवन दुख भी है - जीवन सफलता है - जीवन संघर्ष भी है - जीवन स्वर्ग है - तो जीवन नर्क भी है - हमें मिला सबसे बड़ा वरदान है - "स्वतंत्रता" - अपनी इच्छा के अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता - यह स्वतंत्रता एक बड़ी जिम्मेदारी लाती है - हम इस स्वतंत्रता से कैसे अपने जीवन को बदलते हैं - यह साइट पूरी तरह से स्वयं के रूपान्तरण के बारे में है -"आपमें जो भी से सर्वश्रेष्ठ गुण हैं , अन्वेषण करने के लिए -