शनिवार, 9 मई 2020

रिश्ता ?

तुमसे ये रिश्ता क्या है
     यूँ तो बस कभी यूँ ही मिले थे हम
 फिर भी ये रिश्ता क्या है ,
 मैंने कहा , चलोगे मेरे साथ
   तुम चल ही तो पड़े थे और
फिर जब कभी हम बात करते थे दूरभाष पर ही
 तो यकायक फूल से खिल उठते थे ,
    तो ये रिश्ता क्या है
और तुम्हारे बेबूझ नाराजी के बावजूद
   अरसे बाद जब मिले तो क्या खूब मिले
तो फिर ये रिश्ता क्या है ।
कितना तो पूछा हर बार तुम हँस के यही बोले
 मैं ऐसी ही हूँ बेबूझ ।
 और अब जब तुम अपनी दुनिया में खो गयीहो
     तो  मेरे अंतरतम से अचानक ये रिसता कया है