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स्वस्थ्य रहने के सूत्र -- भोजन

  त्हमारे देश मे 3000 साल पहले एक ऋषि हुए जिनका नाम था बागवट जी ! वो 135 साल तक जीवित रहे ! उन्होने अपनी पुस्तक अशटांग हिरद्यम मे स्वस्थ्य रहने के 7000 सूत्र लिखे ! उनमे से ये एक सूत्र राजीव दीक्षित जी की कलम से आप पढ़ें ! ____________ बागवट जी कहते है, ये बहुत गहरी बात वो ये कहते है जब आप भोजन करे कभी भी तो भोजन का समय थोडा निश्चित करें । भोजन का समय निश्चित करें । ऐसा नहीं की कभी भी कुछ भी खा लिया । हमारा ये जो शरीर है वो कभी भी कुछ खाने के लिए नही है । इस शरीर मे जठर है, उससे अग्नि प्रदिप्त होती है । तो बागवटजी कहते है की, जठर मे जब अग्नी सबसे ज्यादा तीव्र हो उसी समय भोजन करे तो आपका खाया हुआ, एक एक अन्न का हिस्सा पाचन मे जाएगा और रस मे बदलेगा और इस रस में से मांस,मज्जा,रक्त,मल,मूत्रा,मेद और आपकी अस्थियाँ इनका विकास होगा । हम लोग कभी भी कुछ भी खाते रहते हैं । ये कभी भी कुछ भी खाने पद्ध्ती भारत की नहीं है, ये युरोप की है । युरोप में doctors वो हमेशा कहते रहते है की थोडा थोडा खाते रहो, कभीभी खाते रहो । हमारे यहाँ ये नहीं है, आपको दोनों का अंतर समझाना चाहता हूँ । बागवटजी कहते है की...

खाद्य पदार्थों का मिश्रण मत करो

  स्वास्थ्य के लिए एक स्वर्णिम नियम है  — – बहुत सारे खाद्य पदार्थों का मिश्रण मत करो,जब आप केवल एक प्रकार का फल, सब्जी या अनाज खाते हैं, तो आपका शरीर भोजन को अधिक आसानी से पचाता है , और इसे बेहतर रूप से आत्मसात करता है। ⁣ ⁣ अनाज खाते समय, एक ही भोजन में दो अलग-अलग अनाज नहीं मिलाएं। उदाहरण के लिए – गेहूं के साथ चावल न मिलाएं। इसके बजाय, सब्जियों के साथ चावल, या सब्जियों के साथ गेहूं खाएं। ⁣ ⁣ कच्चे और पके हुए खाद्य पदार्थों को एक ही भोजन में न मिलाएं, क्योंकि वे अलग तरह से टूट जाते हैं। ⁣ ⁣ इसके अतिरिक्त, यदि आप ठोस खाद्य पदार्थ खा रहे हैं, तो ठोस पदार्थ  ही लें इसके विपरीत, यदि आप तरल पदार्थ पी रहे हैं, तो केवल तरल पदार्थ ही लें । आपका पेट आपका आभारी होगा, क्योंकि इसमें सिर्फ एक काम करना होगा; पाचन बहुत तेज और आसान हो जाएगा। ⁣ ⁣ क्यों? क्योंकि प्रत्येक भोजन को पचने के लिए अलग-अलग अवधि की आवश्यकता होती है और पेट हर खाद्य पदार्थ के लिए  विभिन्न पाचक रसों का उपयोग करता है – ⁣ अधिक जानकारी स्रोत्र —–https://www.satvicmovement.org

प्राकृतिक भोजन औषधि के रूप में - आहार विशेषज्ञ -सुबह जैन-- Natural Food as medicine - Dietitian Subah Jain

  सुबह जैन एक यूट्यूबर और सात्विक मूवमेंट की  संस्थापक हैं, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है जो वेदों और शास्त्रों से स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा प्रदान करता है।सुबह जैन   के अनुसार, जब वह 17 साल की थीं, तब उन्हें पीसीओएस, हाइपोथायरायडिज्म और अत्यधिक बाल झड़ने की समस्या थी। उनकी मुलाक़ात आचार्य मोहन गुप्ता से हुई, जिन्होंने उनके खान-पान और जीवनशैली में बदलाव किया। उन्होंने सिर्फ़ वनस्पति-आधारित भोजन ही अपनाया, जिससे उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ दूर हो गईं। यही बात उन्हें प्रकृति के करीब आने के लिए प्रेरित करती रही। सुबह हमेशा से लोगों को कच्चे खाने के स्वास्थ्य लाभों के बारे में शिक्षित करना चाहती थीं। 2018 में, सुबह ने लिविंग लाइट कलिनरी इंस्टीट्यूट में जाकर सीखा कि कैसे स्वस्थ भोजन को स्वादिष्ट बनाया जाए और बिना चीनी, बिना गेहूँ और बिना किसी डेयरी उत्पाद के, केवल प्रकृति से प्राप्त ताज़ी, साबुत सामग्री का उपयोग करके स्वादिष्ट कच्चे शाकाहारी व्यंजन बनाए जाएँ। उनका पहला कच्चा शाकाहारी व्यंजन काजू और काली मिर्च की प्यूरी के साथ लाल चुकंदर रैवियोली था।प्रस्तुत वीडियो...