सोमवार, 7 नवंबर 2016

जिस मोड़ पे मुझे छोड़ के

जिस मोड़ पे मुझे छोड़ के -- तुम खो गए इस राह पे
मैं खड़ा रहा ठगा हुआ - ठिठका हुआ - सहमा हुआ
हैरां था , परेशां था , वीरान सी इस राह पे - अब क्या करूं -- जाऊं किधर - इस राह पर ,
सवाल थे जवाब थे - मेरे पास थे - थे नहीं बस तुम मगर -
जाऊं किधर ? अब पूछूँ किधर ? इस राह पर ,
तू अदीब था या था राहबर या था बेवफा -
ये तुझे पता न मुझे खबर .-
समझूँ सजा या दूँ - तुझे सदा ?
रहूँ बेखबर या रखूं सबर -- ?
कब तलक इस राह पे मैं दूँ सदा --- यूँ ही बेअसर ?