गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

जीवन

जीवन अज्ञात
   भविष्य सम्भावना से पूर्ण
 क्या है ज्ञात ?
कब हो क्या घटित
कौन जानता ,
किसके हिस्से में होगा प्रकाश
कँहा , कब अंधकार
कोई न जानता ,
ये रहस्य ?
तब जीने की कला क्या है ?
बेफिक्र होकर
इस अज्ञात रहस्य से
हमेशा जिओ आज में
परिपूर्ण ।
कल के अज्ञात को रहने दो
अज्ञात ।