नहीं , मुझे बर्दाश्त नही कोई भी - तुम्हारे मेरे दरमियाँ ,-- कोई भी ,
तभी तो भटकता फिर रहा हूँ मैं -- तुम्हारे और मेरे दरमियाँ-
कभी तुम तक - कभी खुद तक ,
पर क्या करूं - क्या कहूँ तुमसे ,
तुम्ही तो ले आती हो इन सब को - तुम्हारे मेरे दरमियाँ,
तुम्हारे साथ ये न जाने कौन कौन आ जाते हैं - तुम्हारे मेरे दरमियाँ,
पर तुम भी क्या करो ,तुम कहती तो हो खुद ब खुद ,
तुम प्रेम की एक झील हो या प्रेम का एक झरना ,
तो ये सब तो होता रहेगा ,
और और और भी आते रहेंगे,
न जाने कौन कौन - तुम्हारे मेरे दरमियाँ,
चलो फिर मैं भी एक प्रेम का सागर बन जाता हूँ ,
जंहा आकर सब समा जाएँ ,
खो दें अपना अस्तित्व -- तुम्हारे मेरे दरमियाँ,
११ अगस्त २०१३
तभी तो भटकता फिर रहा हूँ मैं -- तुम्हारे और मेरे दरमियाँ-
कभी तुम तक - कभी खुद तक ,
पर क्या करूं - क्या कहूँ तुमसे ,
तुम्ही तो ले आती हो इन सब को - तुम्हारे मेरे दरमियाँ,
तुम्हारे साथ ये न जाने कौन कौन आ जाते हैं - तुम्हारे मेरे दरमियाँ,
पर तुम भी क्या करो ,तुम कहती तो हो खुद ब खुद ,
तुम प्रेम की एक झील हो या प्रेम का एक झरना ,
तो ये सब तो होता रहेगा ,
और और और भी आते रहेंगे,
न जाने कौन कौन - तुम्हारे मेरे दरमियाँ,
चलो फिर मैं भी एक प्रेम का सागर बन जाता हूँ ,
जंहा आकर सब समा जाएँ ,
खो दें अपना अस्तित्व -- तुम्हारे मेरे दरमियाँ,
११ अगस्त २०१३
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