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बुरा आदमी

मैं अक्सर जब लोगों से मिलता हूँ , जंहा कंही जाता हूँ
मुझे बड़े अच्छे लोग मिलते हैं ,
बड़े प्यारे लोग - देश की दशा से परेशान -
हैरान , मेरी तरह
मेरे देश का आम आदमी कितना सीधा - भोला -
शरीफ इंसान है - ठीक मेरी तरह .
कभी सफ़र करो , बस या ट्रेन में ,
कितना डिस्कशन देश की दशा - भ्रष्टाचार -
राजनीति - आम आदमी के कष्ट पर
कितना डिस्कशन - मेरी तरह
और फिर हर तरफ देश की गली
गली में मौजूद मेरी प्यारी भारतीय नारी
सौन्दर्य - सदगुणों से भरपूर -
मेरे प्यारे भारत के सदियों से
चले आ रहे चरित्र के महान गुणों से परिपूर्ण
पर ये मेरे देश का आम आदमी
इस प्यारी भारतीय नारी को -
सड़क पर ‘आतियों-जातियों’ को
बानर की तरह घूरता क्यों है -
मेरी तरह
और अक्सर तब इस महान भारत राष्ट्र में
कोई हादसा रोज होता है इस देश की आधी
आबादी के साथ --- बस सिर्फ संज्ञा बदल जाती है
कभी वो दहेज़ की- कभी बलात्कार की
कभी उसके भूर्ण की बलि चढ़ जाती है ,
फिर कभी त्राहि त्राहि मच जाती है ,
दिल दहल जाते हैं -- दिल्ली भी दहल जाती है ,

पर फिर मैं इतना हैरान क्यों हूँ ,
परेशान क्यों हूँ -- आश्चर्य चकित
कि मैं इतना भला इंसान -
मेरे देश वासी कितने प्यारे -
पर ये मेरा देश ऎसा कैसे ?
फिर वो बुरा आदमी कंहा है
किधर है वो बुरा आदमी - जिसकी करतूतों
से डरकर मुझे हर सुबह अखबार पड़ने से डर
लगता है और शाम को टी . वी . देखने से
वो कंहा छिप के बैठ गया है - बुरा आदमी
थक के जब मैंने गर्दन घुमाई ,
अरे ये तो यंहा छिपा बैठा है - बुरा आदमी
कब से ढूंड रहा था इसको - साला आज मिल
ही गया - यंहा मेरे ही घर में - तभी दोस्तों
मेरी बीबी की आवाज से तन्द्रा भंग हो गयी
क्यों जी -- कब तक आईने के सामने बैठे रहोगे
सब्जी मंडी नहीं चलना क्या -
आजकल सब्जियां कितनी महंगी हो गयी हैं .

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ध्यान एवं स्वास्थ्य - Meditation and Health

  किस प्रकार मात्र ध्यान से हम स्वस्थ हो सकते हैं , प्रस्तुत वीडियो में परमहंस योगानन्द जी द्वारा इस रहस्य को उद्घाटित किया गया है . ध्यान मन और शरीर को शांत करने की एक प्राचीन साधना है। नियमित ध्यान से मानसिक तनाव कम होता है, मन एकाग्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव डालता है। ध्यान करने से रक्तचाप संतुलित रहता है, नींद की गुणवत्ता सुधरती है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह चिंता, अवसाद और क्रोध जैसी नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करने में सहायक होता है। स्वस्थ जीवन के लिए ध्यान को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना अत्यंत आवश्यक है। थोड़े समय का नियमित ध्यान भी शरीर और मन को स्वस्थ, शांत और प्रसन्न बना सकता है।

रिश्ता ?

तुमसे ये रिश्ता क्या है      यूँ तो बस कभी यूँ ही मिले थे हम  फिर भी ये रिश्ता क्या है ,  मैंने कहा , चलोगे मेरे साथ    तुम चल ही तो पड़े थे और फिर जब कभी हम बात करते थे दूरभाष पर ही  तो यकायक फूल से खिल उठते थे ,     तो ये रिश्ता क्या है और तुम्हारे बेबूझ नाराजी के बावजूद    अरसे बाद जब मिले तो क्या खूब मिले तो फिर ये रिश्ता क्या है । कितना तो पूछा हर बार तुम हँस के यही बोले  मैं ऐसी ही हूँ बेबूझ ।  और अब जब तुम अपनी दुनिया में खो गयीहो      तो  मेरे अंतरतम से अचानक ये रिसता कया है

तुम

उस दिन हम  जब अचानक आमने सामने थे , तुम्हारी खामोश निगाहों में एक खामोश शिकवा था न मेरे लिए ? कितनी खूबी से तुमने उसे छिपा लिया अपनी पलकों में । और यूँ मिली मुझसे जैसे कभी कोई शिकवा न था । शिकवा न था कोई तो फिर वो दूरियां क्यों थी ? मिलते हैं फिर कभी , ये कह के तुम चल तो दीं । मगर कब तक , और फिर एक दिन  जब सच में तुम को जाना था तब आयीं थी तुम फिर मेरे पास कुछ पलों के लिये । और मैं आज भी उन पलों के साथ जी रहा हूँ,  जैसे मुझे पूरी पृथ्वी का साम्राज्य मिल गया हो ।