रविवार, 28 मई 2017

तो आखिर - ये खुदा क्या है ?

जबकि तुझ बिन नही कोई मौंजू
फिर ये हंगामा ए जुदा क्या है....
तू है फेसबुक पे और है भी नहीं
तो फिर ये आखिर हुआ  क्या है ?
माना तेरा जन्म दिन है कल
पर आज ही मुझे ये हुआ क्या है ?
पड़ा हूँ बिस्तर पे औ आ रहे हैं चक्कर
या इलाही ये माजरा क्या है ?
लोग जीते है जी जी के मरते है
मैं मर मर के जी रहा हूँ माजरा क्या है ?
मैं हूँ - मैं ही हूँ - मैं - मैं ही हूँ
तो आखिर - ये खुदा क्या है ?

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