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दिसंबर, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बुरा आदमी

मैं अक्सर जब लोगों से मिलता हूँ , जंहा कंही जाता हूँ मुझे बड़े अच्छे लोग मिलते हैं , बड़े प्यारे लोग - देश की दशा से परेशान - हैरान , मेरी तरह मेरे देश का आम आदमी कितना सीधा - भोला - शरीफ इंसान है - ठीक मेरी तरह . कभी सफ़र करो , बस या ट्रेन में , कितना डिस्कशन देश की दशा - भ्रष्टाचार - राजनीति - आम आदमी के कष्ट पर कितना डिस्कशन - मेरी तरह और फिर हर तरफ देश की गली गली में मौजूद मेरी प्यारी भारतीय नारी सौन्दर्य - सदगुणों से भरपूर - मेरे प्यारे भारत के सदियों से चले आ रहे चरित्र के महान गुणों से परिपूर्ण पर ये मेरे देश का आम आदमी इस प्यारी भारतीय नारी को - सड़क पर ‘आतियों-जातियों’ को बानर की तरह घूरता क्यों है - मेरी तरह और अक्सर तब इस महान भारत राष्ट्र में कोई हादसा रोज होता है इस देश की आधी आबादी के साथ --- बस सिर्फ संज्ञा बदल जाती है कभी वो दहेज़ की- कभी बलात्कार की कभी उसके भूर्ण की बलि चढ़ जाती है , फिर कभी त्राहि त्राहि मच जाती है , दिल दहल जाते हैं -- दिल्ली भी दहल जाती है , पर फिर मैं इतना हैरान क्यों हूँ , परेशान क्यों ...
अनन्य - सब सहज सा हो गया है -------- क्या फर्क पड़ता है कोई बस खो गया है -------- लोग त्रस्त हैं , पर फिर भी व्यस्त हैं , यंहा जब कि शमशान में ---- जंहा सब निरस्त है , वंहा भी सब अपने ----- मोबाइल पर व्यस्त हैं कितना कुछ,जीवन में ---सब अस्त -व्यस्त है . इतना बिखर गया है जीवन-- फिर भी कितने मस्त हैं सब सहज सा हो गया है -------- क्या फर्क पड़ता है कोई बस खो गया है --------
                              मैं मलय हूँ ,                                दिग - देगांतर  में फैलता ही                                जाये जो वो वलय हूँ ,                                 मैं मलय हूँ ,                                  क्या पता था - मनुज की आहटों में जिन्दगी है                                          क्या पता - आलिंगनो की ऊष्म...