तुमसे ये रिश्ता क्या है यूँ तो बस कभी यूँ ही मिले थे हम फिर भी ये रिश्ता क्या है , मैंने कहा , चलोगे मेरे साथ तुम चल ही तो पड़े थे और फिर जब कभी हम बात करते थे दूरभाष पर ही तो यकायक फूल से खिल उठते थे , तो ये रिश्ता क्या है और तुम्हारे बेबूझ नाराजी के बावजूद अरसे बाद जब मिले तो क्या खूब मिले तो फिर ये रिश्ता क्या है । कितना तो पूछा हर बार तुम हँस के यही बोले मैं ऐसी ही हूँ बेबूझ । और अब जब तुम अपनी दुनिया में खो गयीहो तो मेरे अंतरतम से अचानक ये रिसता कया है
जीवन एक अवसर है - जीवन प्रेम है - जीवन घृणा है - जीवन आनंद है - जीवन दुख है - जीवन सफलता है - जीवन संघर्ष है - जीवन समृद्धि है - जीवन गरीबी है - जीवन स्वर्ग है - जीवन नर्क है - हमें मिला सबसे बड़ा वरदान है - "स्वतंत्रता" - अपनी इच्छा के अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता - यह स्वतंत्रता एक बड़ी जिम्मेदारी लाती है - हम इस स्वतंत्रता से कैसे अपने जीवन को बदलते हैं - यह साइट पूरी तरह से स्वयं के रूपान्तरण के बारे में है -"आपमें जो भी से सर्वश्रेष्ठ गुण हैं , अन्वेषण करने के लिए -