जिस मोड़ पे मुझे छोड़ के -- तुम खो गए इस राह पे मैं खड़ा रहा ठगा हुआ - ठिठका हुआ - सहमा हुआ हैरां था , परेशां था , वीरान सी इस राह पे - अब क्या करूं -- जाऊं किधर - इस राह पर , सवाल थे जवाब थे - मेरे पास थे - थे नहीं बस तुम मगर - जाऊं किधर ? अब पूछूँ किधर ? इस राह पर , तू अदीब था या था राहबर या था बेवफा - ये तुझे पता न मुझे खबर .- समझूँ सजा या दूँ - तुझे सदा ? रहूँ बेखबर या रखूं सबर -- ? कब तलक इस राह पे मैं दूँ सदा --- यूँ ही बेअसर ?
जीवन एक अवसर है - जीवन प्रेम है - जीवन घृणा है - जीवन आनंद है - जीवन दुख है - जीवन सफलता है - जीवन संघर्ष है - जीवन समृद्धि है - जीवन गरीबी है - जीवन स्वर्ग है - जीवन नर्क है - हमें मिला सबसे बड़ा वरदान है - "स्वतंत्रता" - अपनी इच्छा के अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता - यह स्वतंत्रता एक बड़ी जिम्मेदारी लाती है - हम इस स्वतंत्रता से कैसे अपने जीवन को बदलते हैं - यह साइट पूरी तरह से स्वयं के रूपान्तरण के बारे में है -"आपमें जो भी से सर्वश्रेष्ठ गुण हैं , अन्वेषण करने के लिए -